जानिए नासा के Astrobee Robot System के बारे में

Astrobee Robot System: NASA के वैज्ञानिको ने एस्ट्रोबी रोबोट को अंतरिक्ष यात्रियों के नियमित कर्तव्यों को कम करने के लिए बनाया था, जिससे वह फालतू के काम में कम ध्यान रखे. नासा ने उनको ह्यूमन रिलेटेड काम के लिए ही भेजा है और वह यही चाहते की फोकस उस पर ही रहे. ये रोबोट अपने आप ही काम करेंगे या रिमोट द्वारा एस्टोनॉट की हेल्प करेंगे. इसकी सहायता से रिसर्च कार्यो में और भी ज्यादा आसानी हो जाएगी.  

Astrobee Robot के कार्य और क्षमताएँ:

इन्वेंटरी और दस्तावेज़ो की देखरेख: एस्ट्रोबी के अंदर कैमरा भी लगा हुआ है, जिसका उपयोग करके यह रोबोट इन्वेंट्री लाने या प्रयोगों का दस्तावेज़ीकरण करने जैसे कार्यों को पूरा करता है.

कार्गो मूवमेंट: एस्ट्रोबी एस्ट्रोनॉट की हेल्प करते हुए पूरे स्पेस स्टेशन पर कार्गो ले जाने में मदद करता है.

रिसर्च प्लेटफॉर्म: एस्ट्रोबी अंतरिक्ष में होने वाले रोबोटिक्स के बढ़ते प्रयोगो के लिए माइक्रोग्रैविटी रिसर्च प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है. 

Astrobee Robot System
Astrobee Robot System

Astrobee System Components:

तीन क्यूब शेप के रोबोट: नासा ने तीन क्यूब शेप के रोबोट बनाये है जिनका नाम है- बम्बल, हनी और क्वीन.

डॉकिंग स्टेशन: डॉकिंग स्टेशन में रोबोट अपने आपको रिचार्ज कर सकता है.

प्रोपल्शन: एस्ट्रोबी अपने बिजली के पंखो की सहायता से इस माइक्रो ग्रेविटी वातावरण में उड़ान भरता है.   

नेविगेशन: इसमें कैमरे और सेंसर लगे हुए है जो रोबोट को नेविगेशन में सहायता प्रदान करते हैं.

पर्चिंग आर्म: इस रोबोट में पर्चिंग आर्म भी दिए गए है जो कि रोबोटों को रेलिंग पकड़ने हेतु, ऊर्जा बचाने या वस्तुओं को पकड़ने में काफी हेल्प करता है.

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SPHERES रोबोट से विकास:

विरासत: एस्ट्रोबी क्यूबिकल रोबोट्स को SPHERES (सिंक्रनाइज़्ड पोज़िशन होल्ड, एंगेज, रीओरिएंट, एक्सपेरिमेंटल सैटेलाइट) रोबोट से हुई लर्निंग के आधार पर निर्मित किया गया है.

उत्तराधिकार: एस्ट्रोबी ने अंतरिक्ष स्टेशन की अब कमान संभाल ली है और इसके परिणाम स्वरुप रोबोटिक परीक्षण सुविधा के रूप में SPHERES का स्थान ले लिया है. अब वह डेली टास्क से लेकर रिसर्च तक एस्ट्रोनॉट की मदद करेगा. 

अतिथि वैज्ञानिक और प्रयोग:

मॉड्यूलर और अपग्रेड करने योग्य: एस्ट्रोबी का डिज़ाइन ऐसा रखा गया है की उसको जरुरत के हिसाब से कभी भी अपग्रेड किया जा सकता है. इसको इसीलिए क्यूबिकल मॉड्यूलर डिज़ाइन में बनाया गया है. 

विविध क्षमताएँ: शोधकर्ताओं को स्पेस स्टेशन के अंदर प्रयोग करने के लिए उनको मदद प्रदान करता है.

भविष्य के मिशनों में भूमिका:

चंद्रमा और दूसरे ग्रह: एस्ट्रोबी रोबोट, स्पेसक्राफ्ट चालक क्रू की अनुपस्थिति के दौरान भी  अंतरिक्ष यान को हैंडल कर सकते है, यह इस तरह डिज़ाइन किये जाते हैं.

निगरानी प्रणाली: अभियानों के दौरान सुचारू ऑपरेशन और निगरानी के लिए एस्ट्रोबी रोबोट अपनी सहायता प्रदान करता है.

माइलस्टोन:

डॉकिंग स्टेशन लॉन्च: डॉकिंग स्टेशन को 17 नवंबर, 2018 में नॉर्थ्रॉप ग्रुमैन के सीआरएस -10 मिशन पर लांच किया गया था.

रोबोट लॉन्च: 17 अप्रैल 2019 को बम्बल और हनी नाम के एस्ट्रोबी रोबोट सीआरएस-11 की सहायता से भेजे गए थे जबकि 25 जुलाई, 2019 को क्वीन नाम का क्यूबिकल एस्ट्रोबी रोबोट को Elon Musk की कंपनी Spacex सीआरएस-18 को लांच किया गया था.

रोबोटों का नाम: इन क्यूबिकल रोबोटों का नाम हनी, क्वीन और बम्बल रखा गया है.

NASA

कुछ तथ्य:

क्यूबिकल डिज़ाइन: तीनो क्यूबिकल रोबोट 12.5 इंच चौड़ाई के है.

रिचार्जिंग क्षमता: जरूरत पड़ने पर एस्ट्रोबी रोबोट खुद ही रिचार्ज करने के लिए डॉकिंग स्टेशन पर वापस आ सकते हैं.

पर्चिंग आर्म: पर्चिंग आर्म की सहायता से ये रोबोट ऊर्जा संरक्षण या अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सामान पकड़ के लाने जैसी सुविधा को प्रदान करता है.

Astrobee Robot System

पार्टनर्स और फंडिंग:

डिज़ाइन और निर्माण: NASA के एम्स रिसर्च सेंटर ने Astrobee Robot का डिज़ाइन और सिलिकॉन वैली में निर्माण भी किया है 

फंडिंग: यह तकनीक नासा के गेम चेंजिंग डेवलपमेंट प्रोग्राम और एडवांस्ड एक्सप्लोरेशन सिस्टम प्रोग्राम द्वारा समर्थित किया गया है.

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एस्ट्रोबी क्या है और नासा के अंतरिक्ष खोज मिशनों में इसकी क्या भूमिका है?

NASA के एम्स रिसर्च सेंटर ने Astrobee Robot का डिज़ाइन और सिलिकॉन वैली में निर्माण भी किया है. ये रोबोट अपने आप ही काम करेंगे या रिमोट द्वारा एस्टोनॉट की हेल्प करेंगे. इसकी सहायता से रिसर्च कार्यो में और भी ज्यादा आसानी हो जाएगी.  

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