Germany for Education 2024: कनाडा छोड़ जर्मनी बना भारतीय छात्रों की पहली पसंद

Germany for Education 2024: नए डाटा के हिसाब से जर्मनी में पढ़ने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. भारत ने चीन की डायस्पोरा को जर्मनी में पीछे कर दिया है, जो की जर्मनी  में पढ़ने जाते हैं. अभी 2016 के बाद से जर्मनी में भारतीयों के पढ़ने की जाने वालों की संख्यामें 214% की ग्रोथ आई है. नई रिपोर्ट के हिसाब से 2019 में 20562 भारतीय छात्र जर्मनी में पढ़ने गए थे, जबकि 2023 में 42 हजार छात्रों ने जर्मनी को अपने पढ़ाई के लिए germany education system को चुना है. 

Germany for Education

स्टेफनी क्लथ जो की ईएसएमटी बर्लिन में डायरेक्टर ऑफ एडमिशन है, उन्होंने कहा German Education System अपने बेहतरीन क्वालिटी के एजुकेशन सिस्टम के बारे में बहुत प्रिय माना जाता है और इस देश में कई बिजनेस स्कूल है जो की कई तरह के बिजनेस रिलेटेड प्रोग्राम छात्रों को दे रहे हैं. 

Germany for Education 2024
Germany for Education 2024

उन्होंने इस बात को भी हाईलाइट करते हुए बोला की स्किल्ड प्रोफेशनल की जर्मनी में काफी ज्यादा जरुरत है और जर्मनी एक अच्छी इकोनामी है, जिसमें कई देशों के स्किल्ड प्रोफेशनल यहां पर किसी भी इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं. इस देश ने अपनी पॉलिसी को इस तरह से डिजाइन किया है कि यहां पर इंटरनेशनल स्टूडेंट रह सकते हैंऔर पढ़ाई भी कर सकते हैंऔर जॉब कर सकते हैं. 

इस बात की पूरी संभावना है, की यहां पर पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद रोजगार देना जर्मनी के लिए एक बदलाव हो सकता है. जर्मनी में लोगों के लिए क्वालिटी ऑफ़ लाइफ, सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और एक अच्छा एनवायरमेंट मिल जाता है, जो कि लोगों को बढ़ाने के साथ-साथ एक अच्छी अपॉइंटमेंट की भी गारंटी देता है. 

Read More: OpenAI Custom Chatbot Integration करके अब हुआ ग्रोथ आसान

Germany Education for Students: जर्मनी भारतीय छात्रों को क्यों आकर्षित कर रही है?

यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैंनहैम बिजनेस स्कूल की प्रोग्राम मैनेजर लिया ओवरलैंडर  ने बताया कि जर्मनी एक बहुत अच्छी इंडस्ट्रियल लोकेशन है. जहां पर बहुत अच्छी पब्लिक यूनिवर्सिटीज है, जो की बहुत अच्छे कोर्सेज प्रोवाइड करती हैं और इसके साथ-साथ ही जर्मनी एक कंफरटेबल लाइफ को प्रोवाइड करता है. यही मुख्य कारण है, जिसकी वजह से जर्मनी में भारतीय लोगों का आकर्षण बढ़ा है. 

GMAC में यूरोप की रीजनल डायरेक्टर नलिशा पटेल बोलती हैं, यहां पर ट्यूशन फीस बहुत ज्यादा अफॉर्डेबल है और इसके साथ ही आपको ग्रेजुएशन के बाद वर्क अपॉर्चुनिटी आसानी से मिल जाती है. इसके साथ-साथ जर्मनी में अच्छी एजुकेशन लोगों को ज्यादा पसंद आती है और भारतीय छात्र वहां पर18 महीने तक नौकरी की खोज के लिए रह सकते हैं. अगर उनको जॉब ऑफर हो जाती है, उसके बाद वह वहां पर परमानेंट रेजिडेंसी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 

इस एप्लीकेशन प्रोसेस में निकलने के लिए ओवरलैंडर ने भारतीय छात्रों को एडवाइस किया है कि वह अपने सुझाव देती है कि भारतीय छात्र अपना एकेडमिक इवैल्यूएशन सेंटर सर्टिफिकेट यानी कि (APS) जल्दी जमा कर दें, जिसकी सहायता से उनके एक्सेप्ट होने के चांस बढ़ जाते हैं और उनकी फीस भी कम हो जाती है. बाद में करने से यह फीस काफी बढ़ जाती है. 

उन्होंने यह भी बताया कि उनको बच्चों को अपने पैशन पर काफी फोकस होना चाहिए। उनको अपने बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे उनके एस्पिरेशन में कोई बाधा ना बने. सबसे बड़ी बात उन्होंने यह कही है कि जो भी बच्चे जर्मनी आने के लिए किसी भी कॉलेज में एडमिशन ले रहे हैं. वह सबसे पहले लिंकडइन में नेटवर्किंग कर सकते हैं और उसके बाद वहां के सीनियर और ग्रेजुएट से भी कांटेक्ट कर सकते हैं.

Leave a Comment